भारत को अक्सर रहस्य की भूमि कहा जाता है। सदियों से, दुनिया भर के यात्रियों ने भारत यात्रा की है, यहां चारों दिशाओं में फैली रहस्यमय ऊर्जा को महसूस कर आश्यर्च चकित हुए हैं। धार्मिक प्रथाओं से लेकर अनुष्ठानों ने भारत को एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बना दिया है। इसलिए विश्व स्तर पर भारत को सबसे प्रेतवाधित स्थानों में सूचीबद्ध किया जाता है। भारत का इतिहास अद्भुत और रहस्यमयी कहानियों से भरा पड़ा है।
भारत में आज भी बहुत से प्रेतवाधित स्थान मौजूद हैं जहां का रहस्मयी अनुभव आपको होश भी उड़ा सकता है। यहां के कुछ स्थल ऐसे भी हैं जिनके सामने विज्ञान भी हार मान चुका है। रहस्य की पड़ताल में आ हमारे साथ जानिए भारत के चुनिंदा 5 सबसे प्रेतवाधित जगहों के बारे में।
राष्ट्रीय लाइब्रेरी, कोलकाता
कोलकाता स्थित राष्ट्रीय लाइब्रेरी भारत के सबसे चुनिंदा प्रेतवाधित स्थानों में गिनी जाती है। इस संरचना का निर्माण भारत में अंग्रेजों के वक्त किया गया था, जिससे कई रहस्यमयी कहानियों को जोड़कर देखा जाता है। यहां लाइब्रेरी में बहुत से पाठक पढ़ने के लिए आते हैं, उनका मानना है कि इन्होने यहां किसी अद्भुत साये को महसूस किया है। कई छात्रों का यह भी मानना है कि यहां किसी के पदचिन्हों की अजीबोगरीब आवाजें भी सुनाई देती हैं।
स्थानीय लोग बताते है कि प्राचीन किताबघर में बंगाल के पूर्व गवर्नर वारेन हेस्टिंगस की पत्नी की आत्मा भटकती है। कुछ लोगों का यह भी मानना है कि इमारत निर्माण के समय यहां कई लोगों की रहस्यमयी मौत भी हो गई थी। इसलिए इस लाइब्रेरी को कोलकाता के कुख्यात प्रेतवाधित स्थानों में शामिल किया जाता है।
शनिवार फोर्ट, पुणे
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पुणे स्थित शनिवार फोर्ट को भारत के चुनिंदा सबसे प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है। यह किला कभी पेशवाओं का निवास स्थान हुआ करता था,पर अतीत की एक घटना ने इस स्थल के भुतहा बना दिया। माना जाता है कि यहां पेशवा बालाजी बाजीराव के बेटे नारायण राव की आत्मा भटकती है। अतीत के पन्ने बताते हैं कि उनकी रहस्यमय तरीके से हत्या कर गई थी। जानकारों का मानना है कि मरते वक्त नारायण राव के अंतिम 'शब्द काका मुझे बचा लो' थे।
इस किले को आग के हवाले कर दिया गया था, आज भी किले का वो आधा जला भाग देखा जा सकता है। हालांकि यहं पर्यटकों का आना जाना लगा रहता है, पर किसी को शाम के बाद अंदर जाने की इजाजत नहीं। लोगों का मानना है कि आज भी नारायण राव की चीखें यहां गूंजती हैं।
डॉव हिल्स दार्जीलिंग
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पहाड़ी प्राकृतिक सुंदरता के अलावा दार्जीलिंग स्थित डॉव हिल्स अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए भी काफी चर्चा में रहता है। माना जाता है कि यहां किसी पहाड़ी सड़क को मौत की सड़क कहा जाता है। अपने रहस्यमयी अनुभवों के कारण यहां रात के समय कोई नहीं जाता। यह डरावनी सड़क डॉव हिल और फॉरेस्ट ऑफिस के मध्य बनी है । स्थानीय लोगों का मानना है कि यहां किसी बिना सर वाले किसी लड़के को देखा गया है।
इसलिए यहां शाम के बाद गलती से भी कोई भटकता नहीं। इसके अलावा लोग बताते हैं कि इस जंगल में अनहोनियां होती रहती है। कई डरावने किस्से इस जंगल के नाम दर्ज किए जा चुके हैं। इसके अलावा यहां किसी भुतहा स्कूल के होने की बात का भी पता चला है।
कुलधरा, जैसलमेर
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राजस्थान स्थित कुलधरा गांव भी भारत के चुनिंदा सबसे प्रेतवाधित स्थानों में गिना जाता है, माना जाता है कि यह गांव 170 सालों से शैतानों के कब्जे में। इसलिए यहां शाम के वक्त क्या दिन के वक्त भी नहीं भटकता है। यह एक पुरात्विक साइट है, जहां इतिहास में दिलचस्पी रखने वाले पर्यटक दौरा करने के लिए जाते हैं। लेकिन बहुत से पर्यटकों ने यह खुद महसूस किया है कि यहां किसी रहस्यमयी शक्ति का साया है।
विरान पड़ा गांव सूरज की तेज रोशनी में एक अनोखा अनुभव देता है। माना जाता है कि यह गांव श्रापित है, जहां कभी पालीवाल ब्राह्मण रहा करते हैं, पर अतीत की किसी घटना के कारण एक रात में ही सभी ब्राह्मण इस गांव को खाल कर चले गए थे। और जाते-जाते यह श्राप भी दिया कि यह गांव कभी आबाद नहीं हो पाएगा।
भानगढ़, अलवर
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अलवर जिले में स्थित भानगढ़ किला अपने प्रेतवाधित अनुभवों के लिए जाना जाता है। यह किला न सिर्फ भारत बल्कि इसकी गिनती विश्व के चुनिंदा सबसे डरावनी जगहों में होती है। इस मायावी किले का अपना अलग रहस्यमयी इतिहास है। इस किले में आज तक जो भी गया है सब ने यहां की नेगेटिव ऊर्जा को महसूस किया है। भागगढ़ श्रापित है, जो अबतक एक तांत्रित के श्राप की मार झेल रहा है।
माना जाता है कि कभी कोई तांत्रिक यहां की राजकुमारी रत्नावती की खूबसूरती का दीवाना हो गया था, जिसे वो हर हाल में पाना चाहता था, लेकिन वो राजकुमारी को पा न सका। उसने रत्नावति को पाने की एक तांत्रिक शक्ति का प्रयोग किया लेकिन वो वो उस शक्ति का शिकार हो गया और मारा गया, लेकिन मरने से पहले उसने राजकुमारी और भानगढ़ को बर्बाद होने का श्राप दे दिया। वर्तमान में यहां शाम 6 बजे के बाद जाने की इजाजत नहीं।