रामनवमी का शुमार भारत के लोकप्रिय त्योहारों में है। मान्यता है कि आज ही के दिन भगवान श्री राम ने जन्म लिया था। प्रायः ये पर्व अप्रैल- मार्च माह के बीच और हिन्दू कैलेंडर के अनुसार चैत्र माह में मनाया जाता है। साथ ही आज नौ दिनों तक चलने वाली नवरात्रि का भी अंतिम दिन होता है। आपको बताते चलें कि रामनवमी को लेकर उत्तर और दक्षिण भारत में लोगों के अलग अलग मत हैं।
उत्तर भारत में जहां इस दिन को लेकर ये माना जाता है कि इस दिन भगवान श्री राम का जन्म हुआ तो वहीं दक्षिण भारत में रह रहे लोगों का मानना है कि आज के दिन भगवान राम और सीता मां कि शादी की सालगिरह होती है। तो आज नवरात्रि के अंतिम दिन और राम नवमी के उपलक्ष में हम आपको अवगत कराएंगे उस मंदिर से जो भगवान श्री राम और देवी सीता को समर्पित है।
जी हां हम बात कर रहे हैं आंध्र प्रदेश के भद्राचला राम मंदिर की। भद्रचला राम मंदिर एक हिन्दू मंदिर है, जो भगवान राम और देवी सीता को समर्पित है यह भद्राचलम में लोकप्रिय स्थान है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान राम भगवान विष्णु के सातवें अवतार है। देवी सीता भगवान विष्णु की पत्नी, देवी लक्ष्मी का अवतार हैं।
मंदिर भद्राचलम के शहर से 35 किलोमीटर दूर स्थित है और भी अन्य हिंदू देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। भगवान विष्णु, भगवान नरसिंह का दूसरा अवतार भी कहे जाते हैं और गवान शिव के साथ मंदिर में पूजा जाता है। यह मंदिर में भगवान राम के भक्तों के बीच बेहद लोकप्रिय है और हर साल इस जगह 'रामनवमी' के दौरान लोगों की भारी भीड़ यहां उमड़ती है।
वास्तव में, राम नवमी और दशहरा का त्योहार मंदिर में धूमधाम से मनाया जाता है। यहां चलने वाले 10 दिन के महोत्सव में पूरे भारत से लोग भारी तादत में अबहुत से लोग इस उत्सव में भाग लेने के लिए पूरे भारत से मंदिर में आते हैं।