मुझे हमेशा ही लॉन्ग वीकेंड्स का इंतजार रहता है..जैसा की बीते हफ्ते मुझे ऑफिस से तीन दिन की छुट्टी मिली थी। अब तीन दिन की छुट्टी हॉस्टल के कमरे में बैठकर या सोकर तो बर्बाद नहीं की जा सकती। दिमाग में पहले से ही था कि, इस बार ट्रेकिंग में हाथ अजमाया जाये।
दरअसल इन छुट्टियों मैंने त्रिउंड ट्रैकिंग करने का मन बनाया हुआ था ।त्रिउंड, हिमाचल प्रदेश का ऐसा ट्रेकिंग सफ़र है जो हर एक रोमांच पसंद करने वालों को अपनी ओर आकर्षित करता है। झरनों पहाड़ों के साथ होता हुआ यह ट्रेकिंग सफ़र आपको प्रकृति के हर रंग से रूबरू कराता है।
खूबसूरत और दिलकश नज़ारों से लुभाने वाला स्थल पचमढ़ी
त्रिउंड जाने के सबसे पहले मुझे पहुंचना था धर्मशाला..जिसके लिए मैंने कश्मीरी गेट से फ्राइडे नाईट को बस पकड़ ली। धर्मशाला के बारे में दोस्तों से में काफी कुछ सुन रखा था।हिमाचल प्रदेश उत्तर भारत का एक ऐसा राज्य है, जहां आपको हर मौसम में देशी और विदेशी पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिल जाएगा। खैर हम आते है अपनी ट्रिप पर..मैंने फ्राइडे की शाम को कश्मीरी गेट से धर्मशाला की बस पकड़ी और निकल पड़ी अपनी मंजिल की ओर। शिमला-कुफरी के बीच छुपा हिमाचल का खूबसूरत पर्यटन स्थल-फागू
धर्मशाला में पहला दिन
धर्मशाला में मैंने पहले दिन जाते ही बस स्टैंड के पास होटल बुक कर आराम करना समझा। मेरे होटल के कमरे की खास बात यह थी कि, मै अपने कमरे से धर्मशाला स्थित ऊँची ऊँची पहाड़ियों को बखूबी निहार सकती थी।
शाम के समय में मैंने नाश्ता करने के धर्मशाला घुमने का फैसला किया।
PC:Carlos Adampol Galindo
रात में
मै धर्मशाला घूमने नहीं बल्कि ट्रेकिंग के उदेश्य से पहुंची थी..जिसके बाद शाम को डिनर के बाद मैंने होटल से चेक आउट किया और पहुंची बाग्सू। त्रिउंड ट्रैकिंग की शुरुआत बाग्सू से ही होती है। अकेले घूमने दो फायदे होते हैं एक तो आप नये -नये दोस्त बनाते हैं साथ ही अपनी यात्रा को अच्छे से एन्जॉय भी कर पाते हैं या यूं कहे आप उस पल को दिल खोल के जी पाते हैं।PC: Public.Resource.Org
बने नये दोस्त
बाग्सू पहुँचने के बाद मै एकदम से क्लू-लेस थी..क्योंकि वहां सभी टेंट और कैम्प में थे..कुछ देर के लिए मुझे कुछ समझ नहीं आया। लेकिन थोड़ी देर बाद ही मेरी एक विदेशी कपल से दोस्ती हो गयी। वो लोग भारत भ्रमण पर निकले थे। उन दोनों ने मुझे रात के लिए अपने कैम्प में जगह भी दी।
PC:Public.Resource.Org
तारों की छांव में
पूरी रात उस कैम्प साईट पर हम सभी ने खूब मस्ती की। उस दौरान वहां कोई बैंड भी आया हुआ था..उनके साथ रात भर हम सब जमकर नाचे और फिर थक हार कब सो गये पता ही नहीं लगा।
PC:Public.Resource.Org
अगला दिन
अगला दिन यानी ट्रेकिंग का दिन..जिसके लिए मै यहां पहुंची थी यानी की त्रिउंड ट्रैकिंग। हिमालय की धौलाधार पर्वत श्रृंखला का एक छोटा-सा ट्रैक 'त्रिउंड', जो करीब दस हजार फुट की ऊँचाई पर है। कभी टिपटिप बारिश तो कभी तेज बौछारों के बीच फिसलन भरे पहाड़ी रास्तों पर एक-एक कदम जमाने की जद्दोजहद ने हिमाचल प्रदेश में धर्मशाला से ऊपर इस ट्रैक को यादगार बना दिया।PC: Purblind
त्रिउंड ट्रैकिंग
इस पूरे ट्रेक में आपजब हमने अपना ट्रैक शुरू किया तो धीमी-धीमी फुहार पड़ रही थी, जो पूरे रास्ते कभी बहुत तेज तो कभी हलकी होती रही, लेकिन थमी नहीं। तो वहीं बौद्ध मठों की घंटियों की मधुर ध्वनि, जो धुंध और नीचे उतर आए बादलों की सतह पर एक असीम शांति का एहसास कराती है।PC: Ashish Sharma
त्रिउंड ट्रेक
धर्मशाल के सबसे बड़े आकर्षण हैं भगसू फॉल्स और यहाँ का भगसू मंदिर। ठीक इसी झरने के ऊपर से शुरू होता है 'त्रिउंड ट्रेक' का रोमांचक सफ़र।
PC:sobhan mohanty
त्रिउंड ट्रेक
ब्रिटिश काल की यह ऐतिहासिक जगह त्रिउंड चोटी पर घास का एक खुला मैदान है। यह चारों ओर बर्फ से ढके धौलाधार के पहाड़ों से घिरा है।
PC:nishant
त्रिउंड ट्रेक
यह हरे-हरे घास और चारागाह की एक बड़ी भूमि है। यह एक दिन का ट्रेक आपको ऐसे अनुभव का एहसास कराएगा जो आपने कभी सोचा भी नहीं होगा। PC :Kiran Jonnalagadda
त्रिउंड ट्रेक
इस ट्रैकिंग के दौरान हमने बीच रास्ते में पड़ने वाली दुकानों पर मिलने वाली मैगी और दाल चावल से अपना पेट पूजा की।PC:Alok Kumar
त्रिउंड ट्रेक
कई जगहों पर चढ़ाई के दौरान आपको यहाँ सीधी चढ़ाई मिलेगी जहाँ आपके पैर फिसलने का खतरा भी होगा। इसलिए आप आराम आराम से ही अपनी इस ट्रेकिंग के सफर को आगे बढ़ाएं।PC:Kiran Jonnalagadda
त्रिउंड ट्रेक
छोटी छोटी पगडंडियों को पार कर एक ऊंचाई पर पर्वतों के बीच पहुँचने का एक अलग एहसास आपको मिलेगा जो शायद ही आपने कभी अनुभव किया हो। प्रकृति से आपका प्यार का रिश्ता इस ट्रेक के दौरान और गहराता जायेगा।PC:Sheena Chaudhary
त्रिउंड ट्रेक
प्रकृति की गोद में समा सूरज के साथ छुपाछिपी का खेल खेलना भी यहाँ की मज़ेदार क्रियाओं में शामिल होता है। सूरज की अपनी पूरी चमक के साथ दिखना फिर छुप जाना यहाँ के सबसे बेशकीमती नज़ारों में से के है।
PC:SneakyBoy
त्रिउंड ट्रेक
ट्रेक के शुरूआती दौर में यह तो ट्रैकिंग मुझे काफी मजेदार लगी..लेकिन जब चढ़ाई थोड़ी सी मुश्किल हुई..तो मुझे कई प्राकृतिक अड़चनों का सामना करना पड़ा।PC:Shilpi bhatnagar
त्रिउंड ट्रेक
त्रिउंड ट्रेक की ऊंचाई पर पहुँचने से पहले हम सभी को आपको 22 घुमावदार श्रेणियों को पार करना पड़ा । ये 22 घुमावदार श्रेणियां इस ट्रेक को थोड़ा कठिन तो बना देती हैं पर ऊँचाई पर पहुँचने के बाद ये सारी चीजें आपको लुभावनी और प्यारी लगने लगती हैं।PC: wikimedia.org
रॉक क्लाइम्बिंग का लिया मजा
ट्रैकिंग खत्म करने के बाद मैंने अपने कुछ नये दोस्तों के साथ वहां यहाँ स्थित बड़े-बड़े पत्थरों पर आप रॉक क्लाइम्बिंग का मजा लिया हैं। आप यकीन मानेंगे की मैंने अपनी यह ट्रैकिंग और मस्ती महज 3500 रुपये खर्च कर एन्जॉय की...
PC:Naveenjot kaur
त्रिउंड ट्रेक पर जाएं कैसे?
धर्मशाला जाने के लिए निकटतम हवाई अड्डा 12 किलोमीटर दूर गग्गल है।
PC:Eshank Sehgal
त्रिउंड ट्रेक पर जाएं कैसे?
रेल मार्ग द्वारा जाना हो तो पठानकोट तक ब्रॉडगेज ट्रेन से जाकर वहां से बस या टैक्सी ली जा सकती है। पठानकोट से धर्मशाला 91 किलोमीटर है। पठानकोट से नैरोगेज रेल से कांगड़ा तक जाया जा सकता है। वहां से धर्मशाला 18 किलोमीटर दूर है।PC: Ashish Gupta
त्रिउंड ट्रेक पर जाएं कैसे?
बस से जाने के लिए दिल्ली, चंडीगढ और पठानकोट से ढेरों बस सेवाएं उपलब्ध है। धर्मशाला से धर्मकोट के लिए टैक्सी ले सकते हैं।
PC:Ashish Gupta
त्रिउंड ट्रेक पर कब जाएं?
त्रिउंड जाने के लिए मार्च से जून और सितंबर से दिसंबर का समय उपयुक्त है।PC:Travelling Slacker
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