नवरात्रि कि शुरुआत हो चुकी है साथ ही आज नवरात्रि का शुमार भारत के चुनिंदा हिंदू पर्व में होता है। ज्ञात हो कि नवरात्रि का शाब्दिक अर्थ नौ रातें होता है। इन नौ रातों के दौरान, शक्ति या मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि के नौ रातो में तीन देवियों - महालक्ष्मी, महासरस्वती या सरस्वती और दुर्गा के नौ स्वरुपों की पूजा होती है जिन्हे नवदुर्गा कहते हैं। आपको बताते चलें कि दुर्गा का मतलब जीवन के दुख कॊ हटाने वाली होता है। कश्मीर से लेके कन्याकुमारी तक जानें कहां कहां है 'मां दुर्गा' के अलग अलग मंदिर
नवरात्रि एक महत्वपूर्ण प्रमुख त्योहार है जिसे पूरे भारत में महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। तो इसी क्रम में हम आपको लगातार अवगत कराते रहेंगे देश के अलग अलग देवी दुर्गा से जुड़े मंदिरों से। आज हमारी इस नवरात्रि सीरीज में हम आपको अवगत कराने जा रहे हैं दिल्ली के कालका जी मंदिर से।
प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर, भारत में सबसे अधिक भ्रमण किये जाने वाले प्राचीन एवं श्रद्धेय मंदिरों में से एक है। यह दिल्ली में नेहरू प्लेस के पास कालकाजी में स्थित है। यह मंदिर माँ दुर्गा की एक अवतार, देवी काली को समर्पित है।यह मनोकामना सिद्ध पीठ के नाम से भी जाना जाता है। आपको बताते चलें कि मनोकामना का अर्थ है कि यहाँ भक्तों की सारी इच्छाएं पूर्ण होती हैं।
इस मंदिर के पीछे की पौराणिक कथा भी बहुत रोचक है। ऐसा कहा जाता है कि देवी काली का जन्म देवी पार्वती से हुआ था, जो राक्षसों की बड़ी संख्या से अन्य देवताओं की रक्षा करना चाहती थी। देवी ने यहाँ निवास के रूप में जगह ली और इस प्रकार यह स्थान एक मंदिर के रूप में उभरा। यह मंदिर ईटों की चिनाई द्वारा बनाया गया था परन्तु वर्तमान में यह संगमरमर से सजा है एवं यह चारों ओर से पिरामिड के आकार वाले स्तंभ से घिरा हुआ है।
मंदिर का गर्भगृह 12 तरफ़ा है जिसमें प्रत्येक पक्ष पर संगमरमर से सुसज्जित एक प्रशस्त गलियारा है। यहाँ गर्भगृह को चारों तरफ से घेरे हुए एक बरामदा है जिसमें 36 धनुषाकार मार्ग हैं। हालांकि मंदिर में रोज़ पूजा होती है पर नवरात्रि के त्योहार के दौरान मंदिर में उत्सव का माहौल होता है।