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राजस्थान के सांस्कृतिक पर्यटन के हब अलवर में क्या देख सकते हैं टूरिस्ट और ट्रैवलर

By Syedbelal

भारत के सबसे खूबसूरत राज्य राजस्थान की सुंदरता को शब्दों में नहीं पिरोया जा सकता। राजपूतों और रजवाड़ों की इस भूमि में ऐसा बहुत कुछ है जिसको देखकर यहाँ आने वाला कोई भी पर्यटक इसकी सुंदरता में मन्त्र मुग्ध हो जाएगा। इसी बात के मद्देनज़र अपने इस लेख में आज हम आपको अवगत करा रहे हैं राजस्थान के उस स्थान से जिसे चमत्कारी स्थलों का मिश्रण कहा जाता है।

जी हां, हम बात कर रहे हैं अलवर की। अलवर एक पहाड़ी क्षेत्र है जो राजस्थान राज्य में अरावली की पथरीली चट्टानों के बीच स्थित है। यह स्थान अलवर जिले का प्रशासनिक मुख्यालय है। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस क्षेत्र को मत्स्य देश के नाम से जाना जाता था जहाँ पांडवों ने अपने निर्वासन का 13 वाँ वर्ष भेष बदलकर बिताया था। ऐतिहासिक रूप से यह स्थान मेवाड़ के नाम से भी जाना जाता था।

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अलवर सुंदर झीलों, भव्य महलों, शानदार मंदिरों, शानदार स्मारकों और विशाल किलों के लिए प्रसिद्द है। आइये जानें कि ऐसा क्या है जिनको देखकर आप अपने जहन में हमेशा के लिए यादगार बना सकते हैं।

बाला किला

बाला किला

बाला किला जिसे अलवर किले के नाम से भी जाना जाता है, अलवर शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण ईसा पश्चात वर्ष 1550 में हसन खान मेवाती ने करवाया था। यह स्मारक अपने चिनाई के माक और भव्य संरचनात्मक डिज़ाइन के लिए प्रसिद्द है। यहाँ छह प्रमुख द्वार हैं जो इस प्रकार हैं, जय पोल, लक्ष्मण पोल, सूरत पोल, चाँद पोल, अंधेरी द्वार और कृष्णा द्वार जो किले की ओर जाते हैं। किले की संपूर्ण संरचना उत्तर से दक्षिण की ओर 5 किलोमीटर और पूर्व से पश्चिम की ओर 2 किलोमीटर तक फ़ैली हुई है।

सिटी पैलेस

सिटी पैलेस

सिटी महल जिसे विनय विलास महल भी कहा जाता है, अलवर शहर का एक भव्य महल है जो महाराजाओं की प्रतापी जीवन शैली की एक झलक प्रस्तुत करता है। इस भव्य स्मारक का निर्माण राजा बख्तावर ने ईसा पश्चात 1793 में करवाया था। इस महल का एक जीवंत इतिहास है। अनेक प्रसिद्द मुगल राजा जैसे बाबर, जहाँगीर और राजपूत राजा जैसे महाराजा प्रताप सिंह ने इस किले में समय बिताया है।

मोती डोंगरी

मोती डोंगरी

मोती डोंगरी या पर्ल हिल एक महल और मंदिर के कारण जाना जाता है। यह स्‍थल स्‍कॉटलैंड के एक महल जैसा ही बना हुआ है जो जयपुर के अंतिम राजा सवाई मान सिंह द्वितीय द्वारा बनवाया गया था, जो बाद में उनके ही पुत्र जगत सिंह का निवास स्‍थल बन गया था। यहां बना हुआ मंदिर हिंदूओं के भगवान गणेश जी को समर्पित है। यह मंदिर एक चोटी पर बना हुआ है।

भानगढ़ का किला

भानगढ़ का किला

राजस्थान के अलवर जिले में स्थित भानगढ़ का किला एक मध्ययुगीन किला है । यह किला अम्बेर के महान मुगल सेनापति,मान सिंह के बेटे माधो सिंह द्वारा 1613 में बनवाया गया था। राजा माधो सिंह अकबर की सेना के जनरल थे। ये किला जितना शानदार है उतना ही विशाल भी है, वर्तमान में ये किला एक खंडहर में तब्दील हो गया है। अगर यहां के स्थानीय लोगों की माने तो यहां आने के बाद पर्यटक आज भी एक अलग तरह के डर और बेचैनी का अनुभव करते हैं।

हिल फोर्ट

हिल फोर्ट

केसरोली में स्थित व 14वीं सदी में निर्मित ये किला अब एक हेरिटेज होटल बन चुका है । ये किला एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है जहाँ से आने वाले पर्यटक गाँव की खूबसूरती और उसके हरे भरे वातावरण को निहार सकते हैं । इस किले का निर्माण 6 सदी पूर्व यदुवंसी राजपूतों द्वारा किया गया था जो भगवान कृष्ण के वंशज माने जाते हैं । सुरक्षा और युद्ध के दृष्टिकोण से इस किले को बेहद मजबूत बनाया गया था।

मूसी महारानी की छतरी

मूसी महारानी की छतरी

मूसी महारानी की छतरी ऐतिहासिक महत्व का एक प्रमुख स्मारक है। इस दुमंजिला भवन का निर्माण विनय सिंह ने महाराजा बख्तावर सिंह और उनकी रानी मूसी के सम्मान में ईसा पश्चात वर्ष 1815 में करवाया था। इस स्मारक की वास्तुकला की भव्यता इस स्मारक को शानदार दृश्य प्रदान करती है। लाल बालूपत्थर से बनी हाथी के आकार की संरचनाएँ इसकी ओर ध्यान आकर्षित करती हैं। ऊपरी मंजिल में संगमरमर से बनी हुई असामान्य गोल छत, शानदार पट्टी और मेहराब हैं। स्मारक की आंतरिक संरचना में शानदार नक्काशी है और दीवारों पर चित्र हैं।

सागर झील

सागर झील

सागर झील सिटी पैलेस के पीछे स्थित है।इसका निर्माण ईसा पश्चात 1815 में हुआ था। इस सुंदर झील को नहाने के पवित्र घाट के रूप में माना जाता है। इस झील के किनारे पूजनीय और पवित्र हैं और भूमि का उपयोग श्रद्धालुओं द्वारा कबूतरों को खिलाने की पारंपरिक प्रथा के लिए किया जाता है। इसके तट पर भी धार्मिक स्थान, मंदिर और स्मारक हैं। शानदार स्मारकों के साथ तालाब का जगमगाता पानी पर्यटकों के लिए एक मनोहर वातावरण बनाता है।

कैसे जाएं अलवर

कैसे जाएं अलवर

फ्लाइट द्वारा : अलवर का निकटतम हवाईअड्डा सांगानेर हवाईअड्डा है। जयपुर अलवर से 162 किमी. दूर है। इस हवाईअड्डे से अलवर के लिए उचित कीमतों पर टैक्सी उपलब्ध है। विदेशी पर्यटक नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अन्तर्राष्ट्रीय हवाईअड्डे से इस स्थल तक पहुंच सकते हैं। यह अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा भारत कर मुख्य शहरों जैसे कोलकाता, बंगलुरू, मुंबई, एवं चेन्नई से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।

रेल द्वारा : अलवर का रेलवे स्टेशन अलवर को दिल्ली, जोधपुर, मुंबई और भारत के अन्य शहरों से जोड़ता है। इस स्टेशन से अलवर के लिए टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।

सड़क मार्ग द्वारा : अलवर राजस्थान के सभी शहरों एवं भारत के पड़ोसी राज्यों से टैक्सी और राज्य स्वामिकृत बसों द्वारा जुड़ा हुआ है।

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